होरा वैदिक समय का विभाजन है, जिसमें हर घंटे का स्वामी एक ग्रह होता है। उस ग्रह का प्रभाव उस समय किए गए कार्यों पर पड़ता है।
महत्वपूर्ण कार्य शुभ होरा (गुरु, शुक्र, बुध, चंद्र) में करें और अशुभ होरा (शनि, मंगल, सूर्य) में कार्य करने से बचें।
शुभ: गुरु, शुक्र, बुध, चंद्र
अशुभ: शनि, मंगल, सूर्य
तटस्थ: परंपरा और संदर्भ पर निर्भर करता है।
हाँ, होरा समय आपके स्थान के सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करता है। सटीकता के लिए स्थानीय समय का उपयोग करें।
होराई तमिल में होरा का ही नाम है, जो वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की घड़ी को दर्शाता है। हर होराई का स्वामी ग्रह होता है और उसका प्रभाव दैनिक कार्यों पर पड़ता है।
होराई तालिका में शुभ होराई (गुरु, शुक्र, बुध, चंद्र) चुनें और इन्हीं में विवाह, व्यापार, यात्रा, पूजा, इंटरव्यू, परीक्षा, और नए कार्य करें।
होरा और होराई दोनों ग्रहों की घड़ी को दर्शाते हैं। 'होरा' संस्कृत शब्द है, जबकि 'होराई' तमिल और दक्षिण भारत में प्रचलित है।
सूर्योदय से सूर्यास्त (दिन) और सूर्यास्त से अगले सूर्योदय (रात) के समय को 12-12 भागों में बांटकर हर भाग का स्वामी ग्रह होता है।
हाँ, लेकिन हमेशा स्थानीय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का उपयोग करें, क्योंकि समय स्थान और तारीख के अनुसार बदलता है।
हाँ, दिन और रात की होराई में ग्रहों का क्रम अलग होता है और प्रभाव भी ग्रह व समय के अनुसार बदल सकते हैं।
शनि, मंगल, सूर्य की होराई को अशुभ माना जाता है, क्योंकि इनका प्रभाव बाधा या विलंब ला सकता है।